बुधवार, 29 मार्च 2017

"नक्षत्र एवं स्वामी गृह"

नक्षत्र 27 होते है
‌-नक्षत्र---स्वामीगृह---अक्षर
‌(1)--अश्वनी---केतु----चू,चे,चों,ला,
‌(2)--भरणी---शुक्र--- ली,लू,ले,लो
‌(3)--कृतिका---सूर्य---आ,ई,ऊ,ऐ
‌(4)--रोहिणी---चन्द्र---ओ,वा,वी,वू
‌(5)--म्रगशिरा--मंगल--वे,वो,का,की,
‌(6)--आर्द्रा----राहु------कु,घ,डं,छा
‌(7)--पुनर्बसु--गुरु---के,को,हां,ही
‌(8)पुष्य---शनी----हू,हे,हो,डा
‌(9)आश्लेषा--बुध--डी,डू,डे,डो,
‌(10)--मघा--केतु---माँ,मी,मू,में
‌(11)--पूर्बाफागुनी--शुक्र--मो,टा,टी,टू
‌(12)--उत्तराफागुनी--सूर्य--टे,टो,पा,पी
‌(13)--हस्त---चंद्रमा---पू,ष,ण,ठा
‌(14)--चित्रा--मंगल---पे,पो,रा,री
‌(15)--स्वाति--राहु---रु,रे,री,ता
‌(16)बिशाखा--गुरु--ती,तू,ते,तो
‌(17)अनुराधा--शनि--ना,नी,नू,,ने
‌(18)-ज्येष्ठा---बुध---नो,या,यी,यू
‌(19)-मूल---केतु --- ये,यो,भा,भी
‌(20)-पूर्बाशाड़ा-शुक्र--भू,धा,फा,ढा
‌(21)-उत्तराषाड़ा--सूर्य--भे,भो,जा,जी
‌(22)श्रबण-----चन्द्रमा-- खी,खो,खे,खो
‌(23)-घनिष्ठा---मंगल-----गा,गी,गू,गे
‌(24) शतभिषा--राहु---गो,सा,,सी,सू
‌(25)--पूर्बाभाद्रपद--गुरु--से,सो,दा,दी
‌(26)--उत्तराभाद्रपद--शनि--डू,था,झा,ञ,
‌(27)--रेवती----बुध------दे,दो,चा,ची

सोमवार, 20 फ़रवरी 2017

किसी भी किये कराये या ऊपरी बवाल या या किसी भी प्रकार के दोष का पता लगाने की विधि--

बहुत बार देखा गया है कि लोगों को यह पता ही नहीं होता है कि हमें परेशानी किस बात की है

भूत बाधा है प्रेत बाधा है या कोई जल देवी देवता की बाधा हे या हमारे कुल देवी देवता की बाधा है पता ही नहीं होता है

और उपचार किए जाते हें जिसने जो बताया उस उपचार में लग जाते हैं

  तो मित्रो आइए आज हम आपको बताते हैं किस प्रकार से आप यह जानकारी प्राप्त कर सकते हैं कि आपको परेशानी क्या है और जब तक कि आप स्वयं यह पता ना कर ले की हमें परेशानी किस बात की है तब तक आप कैसे ओर किस समस्या  का उपाय करेंगे आप खुद ही समझ नहीं पाएंगे इसलिए हम आपको बता देते हैं की आप किस तरह से अपने दोषों का निराकरण करें किस तरह से दोष का पता लगाए

तो दोष निवारण या उसका पता लगाने के लिए सबसे पहले आप स्नान ध्यान करके अपने इष्ट के सामने बैठ जाए और उनकी सेवा करें जैसी भी आप करते हैं उस तरीके से सेवा करें उनके पास धूप दीप करें

धूप दीप करने के बाद आचमन करें

आचमन करने का मंत्र हम पहले भी बता चुके हैं

आज सिर से बता देते हैं आचमन के लिए किसी तांबे के पात्र में जल भरे जल भरने के बाद उसमें से एक चम्मच के द्वारा जल अपने राइट हेंड यानी दाएं हाथ में लें और

बोलें *ॐ गोविन्दाय नमः*

फिर इस जल को पी जाए

दूसरी बार फिर जल अपने हाथ में ले

बोलें *ॐ माधवायनमः*

और उस जल को पी जाए

तीसरी बार फिर अपने हाथ में जले में और

बोलें *ॐ कैशवायनमः*

और वापस से जल को पी जाए उसके बाद अपने अंगूठे से अपने होठों को पोंछते  हुए

चौथी बार हाथ में जल लें और अपने हाथ को धो लें

यह बोलते हुए *नमो नारायणाय नमो नमः*

इस तरह से आपके आचमन की प्रक्रिया पूरी हुई

अब आपको हम मंत्र बताते हैं जिससे आप अपनी परेसानी के बारे मे पता कर सकते 

मंत्र *ॐ अप्रतीचक्रे फट् वीचक्राय स्वाहा*

उपरोक्त मंत्र कि आपको ग्यारह  माला यानी 1008 बार जाप करना होता है

और कुछ सामान बताया है जिन्हें आप पहले से एकत्रित करके रखें

जैसे कि दो धुली हुई कटोरिया

एक कटोरी में  लबालब भरा हुआ पूरा शुद्ध जल

और दूसरी कटोरी खाली रखें जिसमें

आपको सरसों के 8 दाने

बिल्कुल साफ करके पोंछ करके रखने है सुखी कटोरी में

और जिस कटोरी में जल भरा हुआ है उसे भी अपने सामने रख लें और जिस कटोरी में दाने डाल कर रखे हुए हैं वह भी आपके सामने रख ले

अब उपरोक्त मंत्र की माला का जाप कर ले

उसके बाद कटोरी में रखे दानों को राइट हैंड (दांये हाथ) की हथेली में रखें और लेफ्ट हैंड (बांये हाथ)से उसे ढक लें

फिर उसके बाद आप उपरोक्त मंत्र को आठ बार जाप करें

और उन दानों को जल से भरी हुई कटोरी में डाल दे

अब आपको देखना यह है कि कितने दाने जल के ऊपर ऊपर *तैर* रहे हैं

जो डूब जाए उन्हें ना देखें केवल जो जो दानी तैर रहे हैं पानी में उनको आपको गिनना है कितनी संख्या में है

जितनी संख्या होगी उसके अनुसार आपका दोष का निराकरण देख ले

अगर आप की कटोरी में

एक (1) दाना तैर रहा है तो आपको भूत दोष है

(2) दो दाने तैर रहे हैं तो क्षेत्रपाल का दोष है

(3) तीन दाने तैर रहे हैं तो शौकीनी दोष माने

(4) चार दाने तैर रहे हैं तो भूतनी दोष माने

(5) पांच दाने तैर रहे हैं तो आकाश देवी का दोष माने

(6) छः दाने तैर रहे हैं तो जल देवता का दोष माने

(7) सात दाने तैर रहे हैं तो कुलदेवी का दोष जाने

(8) आठ दाने तैरे तो अपने गौत्र का दोष जाने यानी कि अपने जो भी गोत्र है और उसका दोष जाने

यदी सभी दाने डूब जाते हैं तो आपको किसी भी प्रकार का कोई दोष नहीं है

जो भी दोष नजर आता हे उसी अनुसार निराकरण करवायें या करें तो आपको जल्द ही आराम महसूस होगा ।